निज संस्कृति से हम प्रेम करें, संस्कारित रह हम बांटें आनंद। निज संस्कृति से हम प्रेम करें, संस्कारित रह हम बांटें आनंद।
बेमतलब से हैं हम और जीवन का उत्सव मना रहे हैं। बेमतलब से हैं हम और जीवन का उत्सव मना रहे हैं।
आओ हम भी करें दोस्ती आओ हम भी करें दोस्ती
झूठ से बचा रहे, छोड़ न सच को पाठ मन मुटाव का, हमको न पढ़ा। झूठ से बचा रहे, छोड़ न सच को पाठ मन मुटाव का, हमको न पढ़ा।
बारंबार प्रणाम भारत देश को करते हैं। बारंबार प्रणाम भारत देश को करते हैं।
पिता अमूल्य हैं। पिता अमूल्य हैं।